Home वीडियो मैं ऐसी टेबल नहीं बनाऊंगा जिसपर बैठकर पीएम मोदी नफरत भरे फैसलों...

मैं ऐसी टेबल नहीं बनाऊंगा जिसपर बैठकर पीएम मोदी नफरत भरे फैसलों पर हस्ताक्षर करें – कुणाल मर्चेंट

कुणाल को पीएम मोदी के लिए टेबल बनाने का न्यौता मेल के जरिए मिला था लेकिन उन्होंने ऐसा जवाब दिया कि वायरल हो गया।

755
0
blank
www.theshudra.com

डियर कुणाल मर्चेंट, आप बहुत अच्छा फ़र्नीचर बनाते हैं इसीलिए पीएम मोदी ने आपको चुना है। आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक शानदार टेबल बनानी है जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय में रखा जाएगा और पीएम मोदी उसका इस्तेमाल करेंगे।

मशहूर फ़र्नीचर डिज़ाइनर कुणाल मर्चेंट के मेल बॉक्स में PMO@mygov.nic.in से जब ये मेल पहुँचा तो उन्हें समझ आया कि पीएम मोदी की ओर से उन्हें एक टेबल डिज़ाइन करने का न्यौता दिया गया है। किसी डिज़ाइनर के लिए ये बड़ी बात है लेकिन कुणाल ने इस मेल के जवाब में जो लिखा, वो काबिल-ए-तारीफ है।

कुणाल ने मेल का जवाब देते हुए लिखा ‘शुक्रिया, मेरे काम को सराहने और मुझे इस अहम काम के लिए चुनने की ख़ातिर। लेकिन मेरे राजनीतिक और सामाजिक ख़्यालों की वजह से मैं ये प्रस्ताव ठुकराता हूँ। अगर मैं ये डेस्क बनाता तो मैं इसे स्वराज डेस्क का नाम देता है। मैं एक गांधीवादी हूँ और अहिंसा में विश्वास रखता हूँ। मैं ऐसा कोई डेस्क नहीं बना सकता जिसपर अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ और उन्हें अलग-थलग करने वाले फ़ैसलों पर हस्ताक्षर किए जाए। मोदी सरकार नफ़रती माहौल बना रही है लेकिन मैं   और अनेकता में एकता को बढ़ावा देना चाहता हूँ। याद रखिए, इतिहास नाज़ियों का साथ देने वालों और उनका साथ देने वालों को भी नाज़ी ही मानता है। आपकी सियासत दिखाती है कि आपके अंदर नफ़रत भरी हुई है। अगर मैं आपके दफ़्तर के लिए टेबल बनाता हूँ तो ये मेरे दोस्तों, परिवार और स्टाफ़ के साथ धोखेबाज़ी होगी जो अल्पसंख्यक, दलित और LGBTQ बैकग्राउंड से आते हैं। मैं ऐसा नहीं कर सकता’

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जवाब 

कुणाल मर्चेंट ने अपने इंस्टाग्राम पर पीएमओ की ओर से आये मेल और उसके जवाब में लिखे गए मेल की कॉपी शेयर की जिसके बाद वो वायरल हो गई। सोशल मीडिया पर लोग कुणाल की तारीफ़ कर रहे हैं तो वहीं भक्त उनके ख़िलाफ़ लिख रहे हैं।

कुणाल को भेजा गया मेल फ्रॉड है – दिल्ली पुलिस 

मामले ने तूल पकड़ा तो दिल्ली पुलिस की ओर से ट्वीट कर जानकारी दी गई कि कुणाल को भेजा गया मेल असल में एक फ़्रॉड है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि पीएमओ के एक कर्मचारी की नक़ली पहचान से मेल भेजा गया है और इसकी जाँच की जा रही है।

पुलिस की बात पर यक़ीन करें तो पीएमओ की ओर से ऐसा कोई मेल भेजा ही नहीं गया और किसी ने नक़ली पहचान से कुणाल को डेस्क बनाने का न्यौता दिया था लेकिन फिर भी कुणाल के जवाब को सराहा जा रहा है क्योंकि उन्होंने तो इसे असली मेल समझकर ही जवाब दिया था।

कुणाल ने जो शब्द लिखे हैं, वो भारतीय संविधान में आस्था रखने और नफ़रत की राजनीति को पस्त करने के लिए काफ़ी हैं। पिछले कई दिनों से भारत में जो नफ़रत भड़काने की साज़िश हो रही है, अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है, ऐसे वक़्त में कुणाल का ये मेल भारतीय समाज को बांधे रखने की प्रेरणा देता है। 

  telegram-follow   joinwhatsapp     YouTube-Subscribe

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here