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लव जिहाद का भ्रम तोड़ने वाले हिंदू-मुस्लिम जोड़ों को मिली हत्या और जेल भेजने की धमकियां

‘धनक’ की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कुछ लोगों ने अपनी कहानी बता रहे अंतर-धार्मिक जोड़ों को ना सिर्फ़ गालियाँ दी बल्कि जान से मारने की धमकियाँ भी दीं।

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वैलेंटाइन्स डे के इस हफ़्ते में जब पूरी दुनिया इश्क़ का जश्न मना रही है, हमारे देश में इश्क़ करने वालों को गालियाँ दी जा रही हैं, उन्हें जाति और धर्म की दीवारें तोड़ने के कारण धमकाया जा रहा है। वैलेंटाइन्स डे के मौक़े पर अक्सर पार्कों में प्रेमी-जोड़ों को परेशान करने की तस्वीरें आती ही हैं लेकिन अब समाज के इन तथाकथित ठेकेदारों ने ऐसे जोड़ों को ऑनलाइन भी परेशान करना शुरू कर दिया है।

आज प्रेमी जोड़ों की मदद करने वाली ग़ैर-लाभकारी संस्था ‘धनक’ की ओर से एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ़्रेंस का आयोजन किया गया था लेकिन इस दौरान दो बार कुछ लोगों ने अपनी कहानी बता रहे अंतर-धार्मिक जोड़ों को ना सिर्फ़ गालियाँ दी बल्कि जान से मारने की धमकियाँ भी दीं। अलग-अलग मीडिया संगठनों से क़रीब 20 पत्रकार इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शामिल थे।

हिंदू-मुस्लिम जोड़ों को मिली धमकी

जब एमपी और यूपी के वो जोड़े अपनी कहानी बता रहे थे जिन्होंने हाल में ही अंतर-धार्मिक शादी की है या करने वाले हैं, तो अचानक एक शख़्स ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया और लव जिहाद के केस में जेल भिजवा देने की धमकी दी। Zoom ऐप पर चल रही इस वर्चुअल मीटिंग में Dr Walleed Malik नाम के शख्स, जिसने अपना वीडियो बंद कर रखा था, ने कहा ‘तुम्हारा नाम नोट कर लिया है। तुम एमपी और यूपी वालों…एक एक का नाम नोट कर लिया है। अब लव जिहाद के केस में अंदर जाओगे तुम…बेटा आसिफ़…इन कटुओ को बंद कर दे, क्योंकि तुम सब फँसोगे अब। तुम में से एक भी नहीं बचने वाला…तुम सबका नाम नोट कर लिया है। एक-एक को पकड़वा कर जेल में बंद करवाया जाएगा।’

इस व्यक्ति ने धनक के कॉ-फाउंडर आसिफ़ इक़बाल को भी धमकाया। इसके बाद आसिफ़ ने कहा कि ‘आप सब देख सकते हैं कि कैसे खुलेआम हमें धमकियाँ दी जा रही हैं। लेकिन हम सबकुछ संविधान के दायरे में कर रहे हैं। हम इससे लड़ सकते हैं और हम में उतना साहस है।’

यूपी-एमपी में लव जिहाद पर सबसे ज्यादा हायतौबा

यूपी और एमपी में पिछले दिनों पास किए गए क़ानूनों ने अंतर-धार्मिक शादी करने वाले जोड़ों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ख़ासकर ऐसे जोड़े जिसमें लड़का मुस्लिम है, उस पर लव जिहाद का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया जाता है। कई स्वंभू संगठन ऐसे जोड़ों को पकड़कर पुलिस के पास ले जा रहे हैं। सत्ताधारी बीजेपी और संघ परिवार के लोग लव जिहाद जैसे शब्द का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं।

‘तुम सबकी फोटो ले ली है, बचोगे नहीं’

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में क़रीब 28 मिनट पर Mithula Thakur नाम के शख्स ने (वीडियो बंद था) धमकाते हुए कहा कि उसने सब लोगों के चेहरों की फोटो ले ली है। इस शख्स ने प्रेमी-जोड़ों को गाली-गलौज करते हुए हत्या और रेप जैसी धमकियां भी दीं। लेकिन बड़ी बात ये रही कि इन धमकियों के बावजूद सभी जोड़ों ने बिना डरे अपनी बात रखी और ज़ोर देकर कहा कि अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार हर किसी को है। पश्चिम बंगाल से दो जोड़े, यूपी से दो जोड़े, एमपी से एक, राजस्थान से एक, गुजरात से दो और तमिलनाडु से एक जोड़ा इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शामिल था।

‘मैंने अपनी मर्ज़ी से चुना जीवनसाथी’

एमपी से सलोनी जैन ने बताया कि ‘मैंने जब अपने मुस्लिम साथी से शादी की तो हमें इंदौर छोड़ना पड़ा। पीछे से कुछ संगठनों ने इलाक़े में रैलियाँ निकाली और मुस्लिम दुकानदारों से दुकानें ख़ाली करवाई। लव जिहाद का आरोप लगाकर हमें खूब परेशान किया गया। लोकल मीडिया ने भी यही छापा कि बहला-फुसलाकर लड़की को ले गए जबकि मैं बार-बार पुलिस को बयान दे रही थी कि मैं अपनी मर्ज़ी से आई हूँ।’

क्या है धनक NGO ?

धनक एक ग़ैर-लाभकारी संस्था है जो 2012 में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत दर्ज हुई। धनक अंतर-जातीय और अंतर-धार्मिक जोड़ों की मदद करती है और कानूनी, शेल्टर और काउंसलिंग जैसी मदद मुहैया कराती है। धनक का मानना है कि किसी को भी शादी करने के लिए अपना धर्म नहीं बदलना चाहिए। धनक स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत अंतर-धार्मिक शादियाँ कराने में मदद करती है, इस क़ानून के तहत किसी को धर्म नहीं बदलना पड़ता।

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धनक के सह-संस्थापक रानू कुलश्रेष्ठ और आसिफ इकबाल (तस्वीर-https://dhanak.org.in/)

‘परिवार को बच्चों से ज्यादा समाज की फिक्र’

बैंगलोर के अयान और शैली ने 2020 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत बिना अपना धर्म परिवर्तन किए शादी की है। उन्होंने कहा ‘हमारे घर वालों को हम से ज़्यादा समाज की ज़्यादा चिंता है। साल भर बाद भी परिवार ने हमें पूरी तरह नहीं स्वीकारा… रिश्तों में दूरी आ गई है। लेकिन हम मानते हैं कि हम अपना जीवन साथी ख़ुद चुन सकते हैं। इसमें कुछ ग़लत नहीं है।’

‘एंटी-लव जिहाद जैसे कानूनों से जोड़ों में डर’

परिवार के साथ-साथ ‘एंटी लव जिहाद’ जैसे क़ानूनों ने प्यार करने वालों पर ना सिर्फ़ पहरा बैठा दिया है दिया है बल्कि उन लोगों में भी डर को बढ़ा दिया है जो अंतर-धार्मिक रिश्तों में हैं। द शूद्र के फाउंडिंग एडिटर सुमित चौहान ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शामिल आकांक्षा शर्मा और मोहम्मद शुएब से सवाल पूछा कि ‘क्या लव जिहाद जैसे शब्दों और क़ानूनों से आपको भी डर लगता है?’

इसके जवाब में शुएब और आकांक्षा ने कहा ‘हमारी शादी को क़रीब 6 साल हो चुके हैं। हम यूपी में रहते हैं और जब हम ऐसे शब्दों को सुनते हैं तो कहीं ना कहीं अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं। आपको पता नहीं है कि कब किस तरीक़े से आपको टार्गेट किया जाए। ऐसे क़ानूनों ने उन लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं जो अपनी मर्ज़ी से जीवन साथी चुनना चाहते हैं।’

सब राज्यों में सेफ हाउस और स्पेशल सेल नहीं

इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान राज्यों में प्रेमी जोड़ों के लिए सेफ़ होम और स्पेशल सेल की बात भी उठी। आसिफ़ ने बताया कि साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को इंटर-कास्ट और इंटर-फेथ जोड़ों के लिए सेफ़ हाउस बनाने की हिदायत दी थी लेकिन ज़्यादातर राज्यों में इस बारे में कुछ नहीं हुआ है।

धमकियों के बारे में आसिफ़ कहते हैं ‘हम इसकी गंभीरता को जानते हैं लेकिन हम क्या कर सकते हैं? समाज में इस तरह की मानसिकता फैलाई जा रही है और सरकारें इसमें शामिल हो गई हैं तो ये और ज़्यादा गंभीर समस्या हो गई है।’

अभी तक लव जिहाद का एक भी केस साबित नहीं हुआ

आपको ये भी जानना चाहिए कि अभी तक देश की किसी अदालत में लव जिहाद का एक भी केस साबित नहीं हुआ है लेकिन फिर भी कुछ राजनीतिक पार्टियाँ और संगठन लव जिहाद को लेकर हायतौबा मचाते रहते हैं। लव जिहाद जैसे प्रोपेगेंडा से लोग अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकते हैं लेकिन तमाम रुकावटों और धमकियों के बावजूद देश की फ़िज़ाओं में प्यार बरकरार है और लोग जाति-धर्म की बंदिशें तोड़कर खूब प्यार भी कर रहे हैं।

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