मोदी सरकार ने संसद में ये दावा किया कि हाथ से मैला ढोने वालों की पिछले 5 साल में एक भी मृत्यु नहीं हुयी! बजट सत्र में सरकार ने कहा था कि पांच साल में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 340 लोगों की मौत हुई है। इस पलटी बयान पर देखिये क्या है पूरा विवाद:
मैला ढोने से हुयी मृत्यु के आंकड़ों पर संसद में पलटी मोदी सरकार, ‘कोई मौत नहीं’ पर छिड़ा विवाद
मैला ढोने वालों की मृत्यु को सरकार ना देखती-सुनती-बोलती