BSP अध्यक्ष मायावती ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने बीजेपी को कटघरे में खड़ा करते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून को चुनावी स्वार्थ का नाम दिया है। मायावती ने ये बातें अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहीं है।
चुनावी स्वार्थ लग रहा है जनसंख्या नियंत्रण बिल – मायावती
मायावती ने लिखा, यूपी भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु लाया जा रहा नया बिल, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता और इसकी टाइमिंग को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक और सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम और चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।
1. यूपी भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु लाया जा रहा नया बिल, इसके गुण-दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसकी टाइमिंग को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है।
— Mayawati (@Mayawati) July 13, 2021
बीजेपी को पहले लाना चाहिए था जनसंख्या नियंत्रण कानून – मायावती
मायावती यहीं नहीं रूकीं और उन्होंने आगे लिखा, जनसंख्या नियंत्रण को लेकर यूपी भाजपा सरकार थोड़ी भी गंभीर होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिये था जब इनकी सरकार बनी थी और फिर इस बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करती तो अब यहां विधानसभा चुनाव के समय तक इसके नतीजे भी मिल सकते थे।
3. यूपी व देश की जनसंख्या को जागरूक, शिक्षित व रोजगार-युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति व सम्मान में बदलने में विफलता के कारण भाजपा अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर-जबरदस्ती व अधिकतर परिवारों को दण्डित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है जो जनता की नजर में घोर अनुचित।
— Mayawati (@Mayawati) July 13, 2021
परिवारों को दण्डित कर जनसंख्या नियंत्रण चाहती है बीजेपी – मायावती
उन्होंने अपने आखिरी ट्वीट में लिखा, यूपी और देश की जनसंख्या को जागरूक, शिक्षित व रोजगार-युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति और सम्मान में बदलने में विफलता के कारण भाजपा अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर-जबरदस्ती और अधिकतर परिवारों को दण्डित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है। जो जनता की नजर में घोर अनुचित है।
मायावती का जनसंख्या नियंत्रण को लेकर योगी सरकार को घेरना कोई नई बात नहीं है, मायावती हमेशा ही बीजेपी की नीतियों पर उनसे सवाल पूछते हुए नजर आतीं हैं। जो एक बेहतरी विपक्षी नेता होना का सबूत है।