महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में इंसानियत को कलंकित कर देने वाला एक वाक़या देखने को मिला है। यहां एक दलित परिवार को जातिवादी गुंडों द्वारा अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। आरोप है कि जब दलित परिवार ने स्थानीय पुलिस ने मदद मांगी तो पुलिस ने दलितों को शव यात्रा निकालने से रोक दिया। इसके बाद पीड़ित परिजनों ने ग्राम पंचायत कार्यालय के सामने मृतक का दाह संस्कार किया।
जातिवादियों ने दलितों को अंतिम संस्कार से रोका
आरोप है कि जिला सोलापुर की मलशीरस तहसील के मालेवाड़ी गांव में दलित सरपंच दशरथ साठे के भाई धनाजी साठे का शनिवार सुबह निधन हो गया था। जिसके बाद गांव के सवर्ण जाति के लोगों ने मृतक के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान ले जाने से रोका था। इसको लेकर लगभग पूरे दिन दलितों और सवर्णों में तकरार चलती रही। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने ग्राम पंचायत कार्यालय पर जाकर मृतक का अंतिम संस्कार किया।
हमें गांव में खेतों से गुजरने से रोका – दशरथ
दशरथ साठे ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “हमें गांव में खेतों से गुजरने से रोक दिया गया। यहां तक कि पुलिस के वाहन भी हमें रोकने के लिए खड़े थे। हम पुलिस के सामने निवेदन करते रहे, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया”।
दलित परिवार के सात लोगों पर FIR
इस पूरे मामले का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें मृतक के परिवार के सदस्य पुलिस से हाथ जोड़कर अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाने दिया जाए, लेकिन जिस वाहन से शव को ले जाया जा रहा था पुलिस उस वाहन की चाबी निकालती हुई नजर आ रही है। इस मामले में कोरोना नियमों की अनदेखी करने के चलते दलित परिवार के 7 लोगों समेत 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
( ये खबर आज तक की रिपोर्ट पर आधारित है )