यूपी : योगी राज में दलित बहन-बेटियों के साथ बढ़ते अपराध रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं और गरीब दलित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले वकीलों को अब प्रदेश में अपराधी खुले आम जान से मारने की धमकी देने लगे हैं।
हाथरस के बूलगढ़ी में हुए गैंगरेप व हत्या केस में मृतका के परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहीं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा को केस लड़ने पर जान से मार देने की धमकी दी गई है। उन्होंने हाथरस के जातिवादी गुंडों द्वारा धमकाने और केस छोड़ने की धमकी देने की बात कही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से इस बारे में शिकायत की है, साथ ही सीमा ने हाथरस केस लड़ने के लिए सुरक्षा प्रदान करने की भी अपील की है।
मेरी जान को खतरा है – सीमा
सीमा ने लिखा कि, माननीय प्रधानमंत्री जी मेरी जान को खतरा है। हाथरस जिला अदालत में मुझे हाथरस केस (गैंगरेप व हत्या केस) में अराजक तत्वों द्वारा जान से मारने और केस छोड़ने की धमकी दी गयी है। कृपया मुझे सुरक्षा प्रदान कराएं।
माननीय प्रधानमंत्री जी🙏🙏,कृपया करके मुझे जल्द से जल्द सुरक्षा प्रधान करायें।जिससे में पीड़ित परिवार के केस की पैरवी करके उनको जस्टिस दिला सकूँ।आपके भारत की बेटी अधिवक्ता सीमा कुशवाह।@PMOIndia @narendramodi @AmitShah @myogiadityanath @kpmaurya1 @UPGovt @dgpup https://t.co/KyVcDMJ8qn
— Seema Samridhi Kushwaha( Modi Ka Parivar ) (@Seemasamridhi) August 31, 2021
मुझे जल्द सुरक्षा प्रदान कराए – सीमा
सीमा ने आगे लिखा, माननीय प्रधानमंत्री जी कृपया करके मुझे जल्द से जल्द सुरक्षा प्रदान करायें। जिससे मैं पीड़ित परिवार के केस की पैरवी करके उनको जस्टिस दिला सकूँ।आपके भारत की बेटी अधिवक्ता सीमा कुशवाह।
सीमा ने हाई कोर्ट में भी की थी शिकायत
अधिवक्ता सीमा के अनुसार, 5 मार्च को बूलगढ़ी कांड की सुनवाई को लेकर वह हाथरस गई थीं। उसी वक्त उनको धमकाया गया। उन्होंने 19 मार्च को इसकी शिकायत हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के दौरान की थी। इसके साथ ही उन्होंने केस को ट्रासफर करने की अपील भी की थी मगर हाईकोर्ट ने केस का ट्रायल हाथरस में ही चलाने के निर्देश दिए हैं।
हाथरस में हुआ जघन्य अपराध
हाथरस के बूलगढ़ी गाव में 14 सितंबर 2020 को दलित समाज की लड़की के साथ जातिवादी गुंडों ने गैंगरेप और हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद इलाज के दौरान 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। जिसके बाद यूपी पुलिस ने जबरन मृतका के शव को रात में परिजनों की अनुपस्थित के बिना जला दिया था। इस पूरे घटना क्रम के बाद देशभर में जोरदार प्रदर्शन हुए। इस मामले में जातिवादी गुंडे संदीप, रवि, रामू और लवकुश के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। फिलहाल इस मामले में मृतका पक्ष से सीबीआइ के साथ-साथ अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा भी पैरवी कर रही हैं।