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दलितों के बड़े नेता और पूर्व गृहमंत्री सरदार बूटा सिंह का निधन, दिल्ली में ली आखिरी सांस !

कांग्रेस के बड़े दलित नेता के रूप में सरदार बूटा सिंह ने कई अहम ज़िम्मेदारियाँ निभाईं। उन्होंने देश के गृह मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और कृषि मंत्री की भूमिका भी निभाई।

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Sardar Boota Singh (File Photo by @INCIndia)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह का 86 साल की उम्र में आज निधन हो गया। लंबी बीमारी के बाद आज दिल्ली में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा।

बड़े दलित नेता थे बूटा सिंह

पंजाब के जालंधर में जन्मे बूटा सिंह एक बड़े दलित नेता भी थे। सरदार बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के सदस्य रहे और उन्हें कांग्रेस के गांधी परिवार का बेहद करीबी व्यक्ति माना जाता था। खासकर राजीव गांधी उन्हें बहुत मानते थे। पीएम मोदी ने बूटा सिंह को याद करते हुए ट्विटर पर श्रद्धांजलि दी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरदार बूटा सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर लिखा ‘सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।’

सरदार बूटा सिंह का राजनीतिक सफ़र

बूटा सिंह 1984 में पहली बार चुनाव जीते थे हालाँकि 1989 के चुनाव में बीजेपी ने कैलाश मेघवाल को जालोर सीट से उनके सामने उतारा। बूटा सिंह मेघवाल के सामने हार गए लेकिन उन्होंने अपनी सीट नहीं छोड़ी। 1991 में फिर उन्होंने जालोर सीट से ही चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद वो 1999 में सिरोही से सांसद रहे। 2004 में जालोर से चुनाव जीतने के बाद उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया गया था। कांग्रेस के बड़े दलित नेता के रूप में सरदार बूटा सिंह ने कई अहम ज़िम्मेदारियाँ निभाईं। उन्होंने देश के गृह मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और कृषि मंत्री की भूमिका भी निभाई।

द शूद्र सरदार बूटा सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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