BSP अध्यक्ष मायावती ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों और पत्रकारों की जासूसी कराने के मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से दिए जा रहे तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर रहे हैं। उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर ये बातें कहीं हैं।
जासूसी का गंदा खेल खतरनाक है – मायावती
मायावती ने कहा, जासूसी का गंदा खेल व ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की सुक्षम जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला है, जिसका भण्डाफोड़ हो जाने से यहां देश में भी खलबली व सनसनी फैली हुई है।
2. इसके सम्बंध में केन्द्र की बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई, खण्डन व तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निापक्ष जाँच यथाशीघ्र कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।
— Mayawati (@Mayawati) July 20, 2021
जल्द कराई जाए मामले की निष्पक्ष जांच – मायावती
मायावती ने आगे कहा, इसके सम्बंध में केन्द्र की बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई, खण्डन व तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निष्पक्ष जाँच यथाशीघ्र कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।
नेताओं समेत कई पत्रकारों के भी फोन किए गए टैप
बता दें इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से देश में 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक कर उनकी जासूसी करने का मामला सामने आया था। इसके बाद 19 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र में खुलासा हुआ कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत कई मीडिया हस्तियों के भी फोन टैप किए गए थे। जिसके बाद से ये मामला तूल पकड़ चुका है, और बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी केंद्र सरकार से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्षता से जांच कराने की मांग की है।