हरियाणा का बुटाना गैंगरेप केस लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस थाने में दो दलित नाबालिग लड़कियों के साथ हुए कथित गैंगरेप के ख़िलाफ़ हरियाणा के अलग अलग इलाक़ों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं। लोग उन दो बेटियों के लिए इंसाफ़ की गुहार लगा रहे हैं जिनके साथ कथित तौर पर 12 पुलिस वालों ने थाने में गैंगरेप किया था। इसी दरिंदगी के ख़िलाफ़ हरियाणा के सोनीपत शहर में भी विरोध प्रदर्शन किया गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि थाने में उनकी बच्चियों को पुलिस वालों ने जानवरों की तरह नोचा। आरोप तो ये भी है कि पुलिस वालों ने बच्चियों के प्राइवेट पार्ट में डंडे औैर बोतल तक डाल दी थी। छात्र संगठनों के अलावा सोनीपत के कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में निष्पक्ष जाँच की माँग की।
चार महीने से पीड़ित परिवार इंसाफ़ के लिए भटक रहा है। दरअसल ये मामला 29 जून का है। गोहाना के बुटाना गाँव में उस रात दो पुलिस वालों की हत्या हुई थी। परिवार के मुताबिक़ गोहाना के बुटाना गाँव में पीड़ित लड़की अपने किसी दोस्त के साथ निजी पलों में थी। पीड़ित परिवार के मुताबिक़ उस दौरान गश्त पर पहुँचे दो पुलिस वालों ने उन्हें परेशान किया और लड़की के साथ ज़बरदस्ती करना चाही लेकिन लड़की के दोस्त ने इसका विरोध किया। परिवार का दावा है कि इसी झड़प के दौरान लड़की के दोस्त ने चाकू से पुलिस वालों पर हमला कर दिया। चाकू के वार से घायल हुए सिपाही रविंद्र और एसपीओ कप्तान सिंह की मौत हो गई थी। पीड़ित परिवार की माने तो पुलिस लड़की को अपने साथ ले गई और फिर 8-10 पुलिस वालों ने उसके साथ गैंगरेप किया।
पुलिस पहले तो गैंगरेप के आरोपों को नकारती रही लेकिन कोर्ट के दखल के बाद इस मामले में एसआईटी गठित की गई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से जवाब माँगा है। लेकिन अब भी सवाल वही है… क्या दलित बेटियों को इंसाफ़ मिल पाएगा ?
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