यूपी में जब-जब चुनाव आते हैं, तब तक मायावती की मूर्तियाँ चुनावी मुद्दा बनती हैं और हर बार उनकी मूर्तियों पर चुनावी लॉक भी लग जाता है। इस बार फिर से मायावती की मूर्तियों को तिरपाल से ढक दिया गया है। नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर लगी मायावती की मूर्ति को काले तिरपाल से ढक दिया गया है ताकि चुनावी मौसम में लोग उनकी मूर्ति को देखकर उन्हें वोट ना कर दें।
चुनाव आयोग ने ढकवाईं मूर्तियां
दरअसल चुनाव आयोग की ओर से ये कार्रवाई की गई है। विरोधी मायावती की मूर्ति और पार्कों को चुनावी प्रचार कहकर हल्ला करते हैं लेकिन चुनाव आयोग मायावती के बनाए भव्य और ऐतिहासिक पार्कों को तो नहीं ढक सकता इसलिए अक्सर मायावती की मूर्तियों और हाथियों को ही तिरपाल से ढक देते हैं।
लेकिन क्या वाक़ई मूर्तियाँ ढक देने से यूपी की जनता वोट देने का फ़ैसला बदल देगी? उन पार्कों और स्मारकों का क्या जो मायावती की सरकार में हुए शानदार काम का जीता जागता उदाहरण हैं?