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आज़मगढ़ जातीय हिंसा : दलितों और यूपी पुलिस के बीच आखिर क्या हुआ था ?

यूपी के आज़मगढ़ में मुन्ना पासी और उसकी बस्ती वालों के साथ जो हुआ, वो साबित करता है कि योगी राज में दलितों के साथ तमाम तरह की दरिंदगियों को अंजाम दिया जा रहा है।

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क्या छोटी जाति की महिलाओं की कोई इज़्ज़त नहीं होती? ये वो सवाल है जो योगी राज में दलितों की अस्मिता को तार-तार करने की गवाही देता है। ये वो सवाल है जो आपको यूपी में दलितों की दुर्गति का हाल दिखाता है और ये वो सवाल है जो बताता है कि कैसे सत्ता, सिस्टम और मनुवादियों का गठजोड़ दलितों की ज़िंदगी को नर्क जैसा बनाने में ऐड़ी-चोटी का ज़ोर लगा देते हैं। ये तस्वीरें चीख-चीखकर कर गवाही देती हैं कि आज़मगढ़ पुलिस ने किस कदर हैवानियत की है। ये बुरी तरह बिखर चुकी गृहस्थी मनुवादियों की उस नफ़रत को बयां करती है जो किसी दलित को आत्म सम्मान के साथ रहता हुआ देख उबल पड़ती है। ये तोड़ दिया गया ट्रैक्टर उस बर्बरता की निशानी है जो मनुवादियों की ज़हरीली सोच में बसती है। 

दलित बस्ती में क्यों मचा कोहराम ?

यूपी के आज़मगढ़ में मुन्ना पासी और उसकी बस्ती वालों के साथ जो हुआ, वो साबित करता है कि योगी राज में दलितों के साथ तमाम तरह की दरिंदगियों को अंजाम दिया जा रहा है। योगी की पुलिस पर इतने संगीन आरोप लगे हैं कि अगर ग़ैरत नाम की कोई चीज़ हो तो ख़ुद सीएम अपनी कुर्सी से उतर जाएँ। यूपी पुलिस पर ऐसा कलंक लगा है कि यूपी पुलिस को ख़ुद ही अपनी वर्दी में आग लगा लेनी चाहिए। जिस ख़ाकी पर मज़लूमों की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी होती है, वो किस क़दर जातिवादी गुंडों के साथ मिलकर दलितों को रौंदने का काम करती है, ये मुन्ना पासी के घर की इन तस्वीरों को देखकर समझ सकते हैं। 

आपको पूरा मामला समझाते हैं। 

मामला 29 जून का है, आजमगढ़ जिले के पलिया गांव में छेड़छाड़ की एक घटना की जांच करने दो पुलिस वाले आए थे। आरोप है कि उन्होंने गाँव के दलित प्रधान को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद पुलिस वालों और बस्ती वालों में कुछ झड़प हो गई। गाँव वालों का आरोप है कि इसके बाद पुलिस वाले जेसीबी मशीन लेकर आए और मुन्ना पासी के घर को तहस-नहस कर दिया। घर की सारी चीज़ें तोड़ डाली, ट्रैक्टर को जेसीबी से कुचल दिया गया, घर में रखे गहने और पैसे लूट लिये गए। पीड़ित परिवार की एक महिला ने आरोप लगाया है कि पुलिस वालों ने ना सिर्फ़ उनकी अस्मत से खिलवाड़ की बल्कि ये तक कह दिया कि छोटी जाति की महिलाएँ सिर्फ़ मज़ा लेने के लिए होती है ? 

आज़मगढ़ पुलिस ने आरोपों को झूठा बताया

लेकिन आज़मगढ़ पुलिस ने इस महिला के बयान को झूठा करार दिया है। आज़मगढ़ पुलिस ने ट्विटर पर लिखा ‘वीडियो में महिला द्वारा लगाए गए आरोप पूर्णता असत्य निराधार है। पुलिस कर्मियों एवं जनता के लोगों से मारपीट में वांछित/फरार अभियुक्त गणों के परिवार की महिला है गिरफ्तारी से बचने एवं पुलिस पर दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है।

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तो क्या दलितों ने खुद ही घर तोड़ लिए?

यानी पुलिस का दावा है कि दलितों ने अपने घर ख़ुद ही तोड़ लिये हैं। लेकिन आप इन तस्वीरों को देखकर अंदाज़ा लगाइये क्या कोई अपने उस घर को यूँ तहस-नहस कर सकता है जिसे उसने अपने खून-पसीने की कमाई से बनाया हो? क्या कोई अपने आशियाने को यूँ ज़मीदौज़ कर सकता है जिसकी नींव पर ना जाने उसने कितने सपनों को खड़ा किया हो? क्या ये टूटा हुआ फ़्रीज़ ख़ुद उसके साथ हुई बर्बरता की गवाही नहीं देता? क्या इन संदूकों पर हमले के ये निशान नहीं बताते कि हमलावर कौन थे? क्या कोई अपने उस ट्रैक्टर की ऐसी हालत कर सकता है जिससे उसने अपनी ज़मीन को सींचा हो? आप तस्वीरें देखिए और अंदाज़ा लगाइये कि पुलिस के दावों में कितनी सच्चाई है? 

दलितों पर अत्याचार शर्मनाक – मायावती

फ़िलहाल मामले ने तूल पकड़ लिया है। गाँव की महिलाएँ धरने पर बैठ गई हैं और दलित पुरुष पुलिस से बचते फिर रहे हैं क्योंकि पुलिस ने उन्हीं को मुख्य आरोपी बनाया है। राजनीतिक हलकों से भी योगी सरकार पर निशाना साधा गया है और दलितों के लिए इंसाफ़ की माँग की गई है।

BSP अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट में लिखा आजमगढ़ पुलिस द्वारा पलिया गाँव के पीड़ित दलितों को न्याय देने के बजाय उनपर ही अत्याचारियों के दबाव में आकर खुद भी जुल्मज्यादती करना उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाना अतिशर्मनाक। सरकार इस घटना का शीघ्र संज्ञान लेकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई पीड़ितों की आर्थिक भरपाई करे। साथ ही, अत्याचारियों पुलिस द्वारा भी दलितों के उत्पीड़न की इस ताजा घटना की गंभीरता को देखते हुए बीएसपी का एक प्रतिनिधिमण्डल श्री गया चरण दिनकर, पूर्व एमएलए के नेतृत्व में पीड़ितों से मिलने शीघ्र ही गाँव का दौरा करेगा।

हम अपनी मां-बहनों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे – चंद्रशेखर 

वहीं आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने भी आज़मगढ़ जाने का एलान कर दिया है। आज़ाद ने पीड़ित महिला का वीडियो शेयर करते हुए बेहद सख़्त लहज़े में सरकार को चेतावनी दी है।

उन्होंने लिखा ‘छोटी जाति की औरतें मजा लेने के लिए होती हैं।जातिवादी मानसिकता से कुंठित आजमगढ़ पुलिस की भाषा सुनिए। इन पर कार्यवाही करने की बजाए पुलिस महिला को ही दोषी बता रही है। पहले मुन्ना पासवान का घर तोड़ा और अब औरतों के साथ गाली गलौज। शर्मनाक! क्या महिला आयोग जिंदा है? हम अपनी मां बहनों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी मांग है कि रौनापार SHO सहित थाने के सभी दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर उनपर FIR दर्ज की जाए और मुन्ना पासवान को घर तोड़ने के एवज में ₹5 करोड़ की क्षतिपूर्ति दी जाए।

यूपी में लगातार बढ़ रहे हैं जातीय उत्पीड़न के मामले 

योगी राज में दलितों के ख़िलाफ़ अपराध लगातार बढ़ा है। चाहे सहारनपुर हिंसा हो या फिर हाथरस की बेटी को लावारिशों की तरह पेट्रोल छिड़कर जला देना, यूपी में दलितों के साथ हैवानियत बढ़ती ही जा रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक़ दलितों के ख़िलाफ़ अपराध के कुल मामलों में से 25 फ़ीसदी मामले सिर्फ़ यूपी से हैं।  2019 में दलित उत्पीड़न के सबसे ज़्यादा मामले यूपी में ही दर्ज हुए थे। 2019 में जातीय उत्पीड़न के कुल 11,829 मामले यूपी में दर्ज हुए।

आँकड़े अपनी जगह लेकिन इसकी तस्दीक़ हम यूपी से आने वाली जातीय हिंसा की ख़बरों से भी कर सकते हैं। राम राज का दावा करने वाली योगी सरकार में शंबूक और उसके ख़ानदान के लोगों के साथ बर्बरता की सारी हदें पार की जा रही हैं।

आत्मसम्मान से जीने की मिली सज़ा ?

जातिवादियों के दिमाग़ में भरा ज़हर आत्मसम्मान से ज़िंदगी जीने वाले दलितों को देखकर फुफकारने लगता है। कारोबारी चंद्रभान प्रसाद का ये ट्वीट आपको ये समझाने में मदद करेगा कि मुन्ना पासी के साथ ऐसा क्यों हुआ?

चंद्रभान लिखते हैं इस मुन्ना पासी ने मनु विरोधी घर बनाया, इसके पास 4 ट्रैक्टर हैं, एक वैन, एक जीप, एक राइफल, एक बोर गन, एक ईंट की फैक्ट्री, हाल ही में लिया पेट्रोल पंप. वो काफी लोकप्रिय हैं, जाति के वर्चस्ववादी इनसे डरते थेमुमकिन है इसी जातिवादी कुंठा ने मुन्ना के आत्मसम्मान को ज़मीदौज़ करने की साज़िश की हो। वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। 

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Sumit Chauhan is the Founding Editor of The Shudra Media and The News Beak. He is an Ambedkarite journalist and Anti-Caste activist. Active in journalism for nearly 10 years, Sumit has held various positions with ABP News, Zee News, India News and News Nation. Sumit is trying to establish National Bahujan Media to strengthen marginalised section of society through journalism. Sumit has special skills in Reporting, Political Coverage, Script Writing, Video Editing, Documentary Making, Research, Fact Check and Digital Journalism. In April 2021, India's prestigious magazine Outlook included Sumit in the list of top-50 influential Dalit personalities of the country.

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