जल, जंगल और ज़मीन की लड़ाई और दिल्ली में देश की संसद के पास आ पहुँची। संसद भवन से महज़ चंद मीटर की दूरी पर स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आज छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य को बचाने की माँग को बुलंद किया गया।
4.5 लाख पेड़ काटे जाएँगे
छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में 4.5 लाख पेड़ काटने और खनन की मंज़ूरी देने के ख़िलाफ़ Friends of Hasdeo Arand की ओर से प्रेस कॉन्फ़्रेन्स आयोजित की गई थी। जंगल को बचाने की जुगत में लगे एक्टिविस्ट और संगठनों ने छत्तीसगढ़ सरकार पर अडानी के लिए वन संपदा को लुटा देने का गंभीर आरोप लगाया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के असि. प्रोफेसर जितेंद्र मीणा ने कहा ‘आदिवासियों को असभ्य कह आधुनिक बनाने का काम शुरू हुआ और उस आधुनिकता के विचार से आदिवासियों को ही बाहर कर उनकी वन सम्पदा लूट लि गई। हसदेव अरण्य इसका उदाहरण है।’
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने परसा में फ़ेज़-2 के खनन के लिए मंज़ूरी दे दी है। अडाणी कंपनी हसदेव के जंगलों से कोयला निकालेगी। आदिवासी समाज जंगलों को कोटे जाने का विरोध कर रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट, द न्यूज़बीक