तमाम हेडलाइंस मैनेजमेंट के बाद भी देश की आर्थिक सेहत कोरोना मरीजों की हालत से भी बुरी है। पीएम मोदी की अगुवाई में देश 40 साल के सबसे बड़े आर्थिक संकट में जा फंसा है। जून तिमाही के लिए GDP के आंकड़ें सामने आ गए हैं। इकॉनमी की सेहत को लेकर जितनी खराब संभावनाएं जताई जा रही थीं, रिपोर्ट उससे भी खराब आई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। इससे पूर्व वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
Q1 GDP growth contracts by 23.9 pc as COVID-19 cripples economic activities
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— ANI Digital (@ani_digital) August 31, 2020
चीन का जून तिमाही का ग्रोथ रेट 3.2 फीसदी
सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये 25 मार्च को पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ लगाया था। इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। केंद्र ने 20 अप्रैल से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों को मंजूरी देनी शुरू की। ज्यादातर रेटिंग एजेंसियों और विशेषज्ञों ने देश के जीडीपी में 2020-21 में गिरावट का अनुमान जताया है। इस बीच, चीन की अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि जनवरी-मार्च, 2020 तिमाही में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
मार्च तिमाही में ग्रोथ रेट 3.1 फीसदी रहा था
पिछली तिमाही यानी जनवरी-मार्च (वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही) में इसमें 3.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी जो कम से कम आठ साल में भारतीय इकॉनमी का सबसे खराब प्रदर्शन था। इस सर्वे में आर्थिक जानकारों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में विकास दर माइनस 8.1 फीसदी और अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए विकास दर माइनस 1 फीसदी रह सकती है।