क्यों किसान अपनी फसलों पर MSP चाहते हैं और क्यों किसान प्रदर्शन करने पर मजबूर हैं- कुछ आंकड़ों के साथ समझने की कोशिश करते हैं, बस थोड़ा सा धैर्य रखकर पढ़े, मैंने आसान करने की कोशिश की है। सीधा सीधा हजारों करोड़ का नुकसान !
पहले बात सिर्फ गेंहू की
सरकार ने 2019-20 में पंजाब से 129.1 और हरियाणा से 93.2 लाख मैट्रिक टन गेंहू MSP पर खरीदा।
आसान शब्दों में समझें तो ये खरीद सरकार को करीब 42 हजार करोड़ से ज्यादा की पड़ी।
हरियाणा पंजाब से कुल गेंहू- 222.3 लाख मैट्रिक टन
222.3 लाख मैट्रिक टन = 22230000 टन = 222300000 क्विंटल
( एक मैट्रिक टन का मतलब एक हजार किलो और दस क्विंटल होता है)
222300000 x 1925 ( गेंहू का MSP) = 427927500000 रुपये
यानि 42 हजार 792 करोड़ से ज्यादा की रकम।
ओपन मार्केट रेट पर 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
अगर हरियाणा पंजाब में गेंहू MSP पर नहीं बिकती है और ओपन मार्केट में बिकती है तब क्या होगा? अगर आप आज हरियाणा पंजाब में ओपन मार्केट में गेंहू का रेट पता करेंगे तो आपको 1600- 1700 रुपये मिलेगा। ऐसे में देखें-
222300000 x 1600 ( ओपन मार्केट में गेंहू का रेट) = 355680000000 रुपये मतलब 72247500000 रुपये,
(सात हजार दो सौ चौबीस करोड़ रुपये से ज्यादा) का हरियाणा पंजाब के किसानों को सीधा सीधा नुकसान। जिन किसानों को इतना बड़ा नुकसान होगा एक झटके में वो सड़क पर नहीं बैठेगा तो कहां बैठेगा?
7 हज़ार करोड़ से ज्यादा किसकी जेब में जाएगा ?
किसानों के हिस्से का सिर्फ गेंहू में करीब 7 हजार करोड़ का नुकसान कहां जाएगा? ये उन आढ़तियों को नहीं जाएगा जिन्हें सरकार बिचौलिया कह रही है बल्कि उन कॉरपोरेट हाउस को जाएगा जिनके लिए सरकार बिचौलिया बनी हुई है। अगर हरियाणा पंजाब में APMC मजबूत नहीं होता और बिहार की तरह खत्म कर दिया होता तब क्या स्थिति होती?
बिहार का किसान अपनी गेंहू 1400 रुपये तक बेचने पर मजबूर हुआ है। 222300000 x 1400 (बिहार की स्थिति अगर हरियाणा में हो और APMC ना हो) = 311220000000 रुपये (करीब इक्तीस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा), मतलब – 116507500000 ( ग्यारह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सीधा सीधा नुकसान)
राज्यों की टैक्स इनकम भी होगी कम
ये तो बात हुई किसानों को सीधा सीधा नुकसान की जिसे लेकर हरियाणा पंजाब का किसान परेशान है। दूसरा केंद्र सरकार को जो 222.3 लाख मैट्रिक टन गेंहू की खरीद पर राज्य सरकार को टैक्स देना पड़ता है जो करीब तीन हजार करोड़ रूपये का है उससे भी मुक्ति मिल जाएगी। ये नुकसान सिर्फ हरियाणा पंजाब के किसानों को नहीं है।
मध्यप्रदेश से केंद्र सरकार खरीदती है- 37 लाख मैट्रिक टन
37000000 क्विंटल गेंहू x 1925 (MSP पर) = 129360000000 (करीब 12 हजार करोड़ से ज्यादा की गेंहू खरीद)
मध्य प्रदेश के किसानों को MSP नहीं मिला तो होगा करीब 2100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान। राजस्थान के किसानों को करीब 450 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा (2019-20 में 14.1 लाख मैट्रिक टन गेंहू खरीदा गया), उत्तर प्रदेश के किसानों को करीब 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान 2019-20 में 37 लाख मैट्रिक टन गेंहू खरीदा गया)
व्यक्ति के बीस रुपये भी सड़क पर गिर जाएं तो दो बार सड़क के चक्कर काट आता है इस उम्मीद से की मिल जाएंगे और यहां तो बात हजारों करोड़ के नुकसान की है। बताइये किसान कहां जाएगा। ऐसा भी नहीं है कि किसानों को MSP नहीं देने से घरों में पैकिंग में मिलने वाला आटा सस्ता हो जाएगा वो तो हर नए दिन बढ़ता ही जाएगा।
Note- कहां से कितना गेंहू खरीदा गया सरकारी डेटा है- fci.gov.in से State wise Procurement of Wheat during RMS 2019-20
(अभिनव गोयल की फेसबुक वॉल ये साभार। अभिनव एबीपी न्यूज़ में पत्रकार हैं। आंकड़ों की गणना अभिनव ने ही की है जिसे हमने ज्यों का त्यों पेश किया है)