क्या आपने किसी दलित पत्रकार को यूं मेनस्ट्रीम मीडिया हाउस में बाबा साहब के साथ देखा है ? मुझे लगता है डॉ आंबेडकर के चित्र के साथ किसी भारतीय न्यूज़रूम में काम करने वाला मैं भारत का पहला दलित व्यक्ति हूं। कम से कम मैं ऐसे किसी दलित पत्रकार को नहीं जानता। वैसे भी एक तो मीडिया में दलित ना के बराबर हैं और जो हैं भी वो या तो जातीय पहचान छुपाकर काम कर रहे हैं या फिर बहुजन विचारधारा, नायक-नायिकाओं और प्रतीकों के प्रति इतने मुखर नहीं हैं। मैं खुद पर गर्व महसूस करता हूं कि मनुवादी मीडिया में मैं जितने साल रहा, एक आंबेडकरवादी बनकर ही रहा… अब आगे आंबेडकरवादी पत्रकारिता का सफर भी बाबा साहब के विचारों पर चलकर ही तय होगा। जय भीम
– The Shudra के फाउंडिंग एडिटर सुमित चौहान की फेसबुक वॉल से