उत्तर प्रदेश के बहराइच में दलित महिला से मारपीट, छेड़छाड़ और लूट के मामले में पुलिस ने आखिरकार एफआईआर दर्ज कर ली है। पीड़िता के आरोप के अनुसार पुलिस ने आरोपियों का साथ दिया और सुलहनामा पर साइन ना करने पर दरोगा ने फर्जी केस में फंसाने की धमकी देते हुए जबरन दलित महिला से सादे कागजों पर साइन करवा लिए। इस मामले में आरोपियों द्वारा भी दलित महिला को धमकाया जा रहा है।
दलित महिला की बेरहमी से की पिटाई
आरोप है कि बहराइच के रामगांव थाने के एक गांव में रहने वाली दलित महिला 25 अगस्त की शाम को अपने भाई के साथ मायके से ससुराल आ रही थी। रास्ते में खड़ी ईंट की दो ट्रैक्टर- ट्राली और कीचड़ की वजह से रास्ता जाम हो गया था, जिसके चलते पीड़िता के भाई ने उसे बाइस से उतार दिया और थोड़ी दूर तक पैदल आने को कहा।
इसी दौरान गांव के दो जातिवादी गुंडों ने महिला से कान के सोने के झाले और मंगलसूत्र छीनने की कोशिश की। महिला ने इसका विरोध करते हुए एक लुटेरे को थप्पड़ मार दिया। जिस पर गुस्साए जातिवादी गुंडों ने दलित महिला की बेरहमी से पिटाई कर दी, और साथ ही महिला के साथ छेड़छाड़ भी की। इसके बाद पीड़िता ने थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई लेकिन पुलिस ने महिला की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस ने FIR से हटाया आरोपी का नाम
पुलिस ने अगले दिन महिला को थाने बुलाया और गांव वालो के साथ मिलकर छीना हुआ सामान वापस करने का आश्वासन देते हुए जबरन मामले में सुलह करवाने की कोशिश की और जब पीड़िता ने मना कर दिया, तो पुलिस ने सादे कागजों पर उससे साइन करवा लिए। आरोप है कि पुलिस ने पीड़िता की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में से एक लुटेरे का नाम अपनी मर्जी से निकाल दिया था। इस मामले में रामगांव एसएचओ अरुण कुमार द्विवेदी ने बताया कि दी गई तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है।
( ये खबर हिन्दुस्तान की रिपोर्ट पर आधारित है)