शहीद ऊधम सिंह ने जलियावाला बाग नरसंहार के 21 साल बाद दोषी माइकल ओ डायर की 13 मार्च 1940 को लंदन के काक्सटेन सभागार में गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद 31 जुलाई 1940 को ब्रिटेन के पेंटनविले जेल में उधम सिंह को फांसी पर चढ़ा दिया गया। आज बहुजनों के महानायक शहीद ऊधम सिंह को उनके बलिदान दिवस के अवसर पर बहुजन नेताओं और चिंतकों ने सोशल मीडिया के जरिए श्रद्धांजली अर्पित की है।
अखिलेश यादव ने किया नमन
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, जलियांवाला बाग नरसंहार का प्रतिशोध लेने वाले अदम्य साहस के परिचायक एवं महान भारतीय क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह जी की पुण्यतिथि पर सादर नमन।
जलियांवाला बाग नरसंहार का प्रतिशोध लेने वाले अदम्य साहस के परिचायक एवं महान भारतीय क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह जी की पुण्यतिथि सादर नमन। pic.twitter.com/Fny0TENzew
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 31, 2021
चन्द्रशेखर आजाद ने किया याद
ASP अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने लिखा, जलियांवाला बाग नरसंहार में सैकड़ों निर्दोष भारतीयों के बलिदान के प्रतिशोध स्वरूप माइकल ओडवायर को लंदन जाकर गोली मारने वाले महान क्रांतिवीर शहीद उधम सिंह जी के शहादत दिवस पर उन्हें शत शत नमन।
जलियांवाला बाग नरसंहार में सैकड़ों निर्दोष भारतीयों के बलिदान के प्रतिशोध स्वरूप माइकल ओडवायर को लंदन जाकर गोली मारने वाले महान क्रांतिवीर शहीद उधम सिंह जी के शहादत दिवस पर उन्हें शत शत नमन। pic.twitter.com/ORQIZh3WFp
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) July 31, 2021
ओमप्रकाश राजभर ने किया नमन
सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने लिखा, महान क्रांतिकारी, अमर शहीद उधम सिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन। जलियांवाला बाग कांड के दोषी जनरल डायर को मौत के घाट उतारने वाले भारत माँ के इस वीर सपूत का बलिदान हिन्दुस्तान सदैव याद रखेगा।
महान क्रांतिकारी, अमर शहीद उधम सिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन।
जलियांवाला बाग कांड के दोषी जनरल डायर को मौत के घाट उतारने वाले भारत माँ के इस वीर सपूत का बलिदान हिन्दुस्तान सदैव याद रखेगा pic.twitter.com/5s1Rx1YcL9— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) July 31, 2021
दिलीप मंडल ने किया याद
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा, ब्रिटेन में जाकर, जालियाँवाला बाग के कातिल को मारना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की निसंदेह सबसे साहसिक घटना थी। लेकिन इतिहास की किताबें इस महान क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह के बारे में कितना कम पढ़ाती हैं।
ब्रिटेन में जाकर, जालियाँवाला बाग के कातिल को मारना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की निस्संदेह सबसे साहसिक घटना थी। लेकिन इतिहास की किताबें इस महान क्रांतिकारी सरदार ऊधम सिंह के बारे में कितना कम पढ़ाती हैं। @DalitDastak के संपादक माननीय Ashok Das का लेख। https://t.co/znTXo49cGi
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) July 31, 2021
क्रान्तिवीर ने 21 साल बाद पूरी की प्रतिज्ञा
शहीद उधमसिंह का जन्म पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में 26 दिसंबर 1899 को हुआ था। दस साल की उम्र में माता-पिता को खो देने के बाद उधम सिंह अनाथालय में रहे, कुछ समय बाद क्रांतिकारियों के साथ मिलकर वो आजादी की लड़ाई में जुट गए।
13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण तरीके से हो रही सभा पर माइकल ओ डायर ने गोलियां चलवाईं, तब उधम सिंह सभा में मौजूद लोगों को पानी पिलाने का काम कर रहे थे। उन्होंने उसी वक्त कसम खाई कि माइकल ओ डायर की हत्या कर इस नरसंहार का बदला लेंगे और 21 साल बाद उन्होंने अपनी ये प्रतिज्ञा पूरी की।