माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने आज एक बड़ा कदम उठाते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर हैंडल से ब्लू बैज यानी वैरिफिकेशन बैज को हटा लिया है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वकील नितिन मेश्राम लगातार आवाज़ उठा रहे थे क्योंकि मोहन भागवत के अकाउंट को वैरिफाई करना ट्विटर की अपनी नीतियों के ही खिलाफ था।
नितिन मेश्राम ने ट्विटर से की थी ब्लू चेक हटाने की मांग
नितिन मेश्राम ने आज सुबह 10:13 मिनट पर ट्विटर को टैग करते हुए मोहन भागवत के वैरिफिकेशन बैज को वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने लिखा ‘ट्विटर, मोहन भागवत से वैरिफिकेशन बैज को वापस ले लीजिए। उन्होंने पिछले 3 साल से कोई ट्वीट नहीं किया। उन्होंने किसी ट्वीट को लाइक या रिप्लाई भी नहीं किया। ये बैज ट्विटर के नियमों का सीधा उल्लंघन है। नियम सबके लिए समान होने चाहिए।’
Twitter, withdraw verification badge from @DrMohanBhagwat. He hasn’t tweeted anything since last 3 years. He didn’t even liked or replied any tweet. The badge is existing in clear violation of @Twitter Rules. @TwitterSupport rules must be equally enforced.@verified@Jack@iamb
— Nitin Meshram (@nitinmeshram_) June 5, 2021
घंटे भर में गया मोहन भागवत का ब्लू चेक मार्क
नितिन मेश्राम के ट्वीट के घंटे भर में ही संघ प्रमुख मोहन भागवत का वैरिफिकेशन बैज ट्विटर ने छीन लिया। नितिन ने 11:24 AM पर अपने दूसरे ट्वीट में इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा ‘मोहन भागवत का वैरिफाइड बैज छीनने के लिए ट्विटर का बहुत-बहुत शुक्रिया।’
मोहन भागवत का (@verified badge) ब्लू टिक छीनने के लिए @Twitter का बहुत बहुत शुक्रिया. ThankQ @TwitterSupport. https://t.co/4Mww0fXIXK pic.twitter.com/Rm5PQId5Nk
— Nitin Meshram (@nitinmeshram_) June 5, 2021
नितिन मेश्राम ने पीएम मोदी के दो-दो अकाउंट वैरिफाई होने पर भी उठाया सवाल
ट्विटर का कहना है कि उसकी वैरिफिकेशन पॉलिसी किसी खास व्यक्ति के आधिकारिक हैंडल को पहचानने में मदद करने के लिए है ताकि कोई गलत सूचना ना फैले। लेकिन नितिन मेश्राम ने पीएम मोदी के दो-दो हैंडल्स वैरिफाई होने पर सवाल उठाया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा ‘क्यों एक ही आदमी के दो वैरिफाइड अकाउंट हों? क्या आपके पास मोदी के अलावा ऐसा कोई दूसरा उदाहरण है? क्या यह उनके अनुयायियों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा जो दोनों खातों को फॉलो नहीं कर रहे हैं?’
Why one person should have two verified accounts? Do you have any example of this other than Modi? Will it not prejudice his followers who are not following both the accounts? @Twitter@verified@TwitterSupport@jack@TwitterSafety@iamb pic.twitter.com/sklAWqm7ao
— Nitin Meshram (@nitinmeshram_) June 5, 2021
नितिन मेश्राम ट्विटर समेत सोशल मीडिया माध्यमों पर समानता के पक्षधर हैं और वैरिफिकेशन पॉलिसी को भेदभावपूर्ण मानते हैं। उनका आरोप है कि ट्विटर भारत में ब्लू चेक देने के मामले में भेदभाव करता है और जाति के आधार पर कुछ लोगों को वैरिफाई करता है जबकि दलितों-पिछड़ों या आदिवासी समाज के हैंडल्स को ब्लू चेक मार्क नहीं देता।