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आंबेडकरवादी पत्रकारिता के लिए सुमित चौहान को मिला ये खास अवॉर्ड

करनाल में सुमित चौहान को मिला पत्रकारिता के लिए अवॉर्ड

करनाल : राष्ट्रपिता जोतिबा फुले और बाबा साहब डॉ आंबेडकर की जयंती के मौके पर हरियाणा के करनाल में एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन हुआ। शहर के रविदास मंदिर परिसर में ‘फुले-आंबेडकर मिशन प्रचार मंच’ की अगुवाई में राष्ट्रपिता जोतिबा फुले और डॉ आंबेडकर को याद किया गया और वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की गई।

सुमित चौहान को किया गया सम्मानित 

‘फुले-आंबेडकर मिशन प्रचार मंच’ करनाल की ओर से द शूद्र और द न्यूज़बीक के फाउंडिंग एडिटर सुमित चौहान को सम्मानित किया गया। आंबेडकरवादी पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए सुमित को ‘बाबू मंगतराम सहोत्रा स्मृति अवॉर्ड’ से नवाज़ा गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। बाबू मंगतराम सहोत्रा की स्मृति में ये अवॉर्ड दिया जाता है क्योंकि वो आजीवन आंबेडकरवादी पत्रकारिता के ज़रिए मजलूमों की आवाज़ उठाते रहे।

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आंबेडकरवादी पत्रकारिता को आगे बढ़ाते रहेंगे – सुमित 

इस दौरान सुमित चौहान ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा ‘आंबेडकरवादी पत्रकारिता कोई नई चीज़ नहीं है। पत्रकारिता का मतलब सही को सही और गलत को गलत कहना है और ये काम हमारे पुरखे सदियों से करते आ रहे हैं। बुद्ध से लेकर रविदास और कबीर तक हर कोई सत्ता से सवाल ही तो कर रहा था। राष्ट्रपिता जोतिबा फुले ने दीनबंधु अखबार शुरू कराया तो बाबा साहब ने अपनी ज़िंदगी के 36 साल पत्रकारिता की। पेरियार से लेकर मान्यवर कांशीराम तक पत्रकारिता का ये सफर चलता रहा। हम उसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और ये अवॉर्ड मुझे और मेहनत करने की हिम्मत देगा’

कार्यक्रम में और कौन-कौन शामिल हुआ ?

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‘फुले-आंबेडकर मिशन प्रचार मंच’ करनाल ने संगोष्ठी का विषय ‘संविधान की मूल भावना और वर्तमान परिस्थितियां’ रखा था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जाने-माने साहित्यकार डॉ रामबिलास भारती ने की तो वहीं प्रसिद्ध आंबेडकरवादी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले डॉ लक्ष्मण यादव बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। डॉ लक्ष्मण यादव ने जमावड़े को संबोधित करते हुए मौजूदा दौर की चुनौतियों के बारे में बात की और बहुजनों को अपना भविष्य बचाने के लिए एकजुट होने की अपील की।

       
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