RSS प्रमुख मोहन भागवत हमेशा कहते रहते हैं कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं, बीजेपी भी ऐसा ही राग अलापती है लेकिन असल में बीजेपी के लिए हिंदू सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण ही हैं। दरअसल कर्नाटक की बीजेपी सरकार ने कहा है कि मंदिरों में गैर-ब्राह्मण पुजारी नियुक्त करने पर येदियुरप्पा सरकार कोई कानून नहीं लाने वाली है।
क्या है पूरा मामला ?
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस नेता आरबी तिम्मापुर ने सवाल किया था कि सरकार को मंदिरों में पुजारी के रूप में गैर-ब्राह्मणों को नियुक्त करने के लिए कानून लाना चाहिए। इसका जवाब देते हुए मुजराई कोटा मंत्री श्रीनिवास पुजारी ने बताया कि कर्नाटक सरकार की मंदिरों में पुजारियों की नियुक्तियों को लेकर ऐसा कोई भी कानून लाने की योजना नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि, क्या कर्नाटक सरकार मंदिरों में अनुसूचित जाति और जनजाति के पुजारियों को नियुक्त करने का इरादा रखती है तो मंत्री ने नकारात्मक जवाब देते हुए बात को घुमा दिया।
बीजेपी के लिए सिर्फ ब्राह्मण ही हिंदू हैं – मंडल
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंड़ल ने कर्नाटक की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीजेपी के लिए सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मण ही हिंदू हैं बाकी सब सिर्फ वोट बैंक हैं।
दिलीप मंड़ल ने अपने ट्वीट में लिखा, कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने कहा है कि वह हिंदू मंदिरों में गैर-ब्राह्मणों को पुजारी बनाने के लिए कानून नहीं बनाएगी. बीजेपी के लिए हिंदू का मतलब ब्राह्मण है. बाकी सब वोट बैंक हैं।
कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने कहा है कि वह हिंदू मंदिरों में गैर-ब्राह्मणों को पुजारी बनाने के लिए कानून नहीं बनाएगी.
बीजेपी के लिए हिंदू का मतलब ब्राह्मण है. बाकी सब वोट बैंक हैं. https://t.co/Rj0SGwhHnf
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) July 3, 2021
क्या दलित-पिछड़े हिंदू नहीं हैं ?
कर्नाटक के पड़ोसी राज्य तमिलनाडु ( 2021) केरल (2017) में सभी जातियों के हिंदुओं को मंदिरों में पुजारी के रूप में नियुक्त करने को लेकर कानून बना चुके हैं लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं कर रही। अब सवाल उठता है कि अगर दलित और पिछड़ा समाज भी हिंदू है तो भला उन्हें मंदिरों में पुजारी बनाने में क्या दिक्कत है? सिर्फ ब्राह्मणों को ही क्यों पुजारी बनाया जाए?