भारत में जातिवाद के नए-नए रूप देखने को मिलते हैं। अब SC-ST और OBC छात्रों के साथ भेदभाव का एक नया तरीका सामने आया है। भारत की सरकारी कंपनी पावर ग्रिड ने सरकारी खाते से 10.5 करोड़ रुपये स्कॉलरशिप के लिए दिए लेकिन ये स्कॉलरशिप सिर्फ सवर्णों के लिए घोषित की गई। SC-ST, OBC छात्रों के लिए एक भी रुपया नहीं दिया गया जिसके बाद इस जातिवादी फैसले का जबरदस्त विरोध हुआ और पावर ग्रिड बैकफुट पर आ गई।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल सरकारी कंपनी पावर ग्रिड ने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के नाम पर IIT मद्रास को 10.5 करोड़ रुपये दिए। इस पैसे से IIT मद्रास में पढ़ने वाले छात्रों के लिए स्कॉलरशिप दिए जानी थी। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इस स्कॉलरशिप का फायदा सिर्फ सवर्ण छात्र ही उठा सकते थे। EWS के नाम पर ये एक्सक्लूसिव स्कॉलरशिप स्कीम सिर्फ सवर्ण छात्रों के लिए थी क्योंकि EWS यानी गरीबी के आधार पर आरक्षण का फायदा सिर्फ सवर्णों को ही मिलता है। यानी एक सरकारी कंपनी ने सरकारी खज़ाने से सरकारी IIT में सिर्फ सवर्णों के फायदे के लिए इतनी मोटी रकम दे दी और नाम दे दिया गरीबी के आधार पर मदद का।
फैसले पर हुआ विवाद
पावर ग्रिड के सवर्ण चेयमैन के. श्रीकांत के इस जातिवादी फैसले पर खूब विवाद हुआ। सोशल मीडिया पर आम लोगों से लेकर प्रमुख हस्तियों तक ने SC-ST और OBC छात्रों के साथ हो रहे इस भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाई। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक दिलीप सी मंडल ने ट्विटर पर लिखा ‘सरकारी कंपनी पावर ग्रिड के सवर्ण चेयरमैन के. श्रीकांत ने CSR फंड से 10.5 करोड़ रुपए @iitmadras को EWS स्कॉलरशिप के लिए दे दिए। भारी बवाल मचा है। किसी कंपनी ने पहली बार सिर्फ EWS के लिए फंड दिया है। SC, ST, OBC को ठेंगा दिखा दिया गया है। EWS और OBC दोनों की इनकम लिमिट ₹8 लाख है।’
सरकारी कंपनी पावर ग्रिड के सवर्ण चेयरमैन के. श्रीकांत ने CSR फंड से 10.5 करोड़ रुपए @iitmadras को EWS स्कॉलरशिप के लिए दे दिए। भारी बवाल मचा है। किसी कंपनी ने पहली बार सिर्फ EWS के लिए फंड दिया है। SC, ST, OBC को ठेंगा दिखा दिया गया है। EWS और OBC दोनों की इनकम लिमिट ₹8 लाख है। pic.twitter.com/4OwWlCFjno
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) May 8, 2022
ये तो बहुत शर्मनाक है – राजेंद्र पाल गौतम
EWS और OBC दोनों की इनकम लिमिट 8 लाख रुपये होने के बावजूद इस स्कॉलरशिप में OBC को शामिल नहीं किया गया। दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने पावर ग्रिड की इस बंदरबाट को शर्मनाक करार देते हुए पीएम मोदी से जवाब मांगा। उन्होंने लिखा ‘यह तो वास्तव में बेहद शर्मनाक है @narendramodi जी इस जाति आधारित पक्षपात व अन्याय का जवाब तो आपको देना ही चाहिए, भारत के बहुजन व उपेक्षित वर्ग सब देख रहे हैं, समय आने पर इस बार आपको जवाब जरूर देंगे ! नमो बुद्धाय जय भीम !’
यह तो वास्तव में बेहद शर्मनाक है @narendramodi जी इस जाति आधारित पक्षपात व अन्याय का जवाब तो आपको देना ही चाहिए, भारत के बहुजन व उपेक्षित वर्ग सब देख रहे हैं, समय आने पर इस बार आपको जवाब जरूर देंगे !
नमो बुद्धाय जय भीम ! https://t.co/i7OCS20WOx— Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) May 9, 2022
डीएमके ने किया जबरदस्त विरोध
पावर ग्रिड के इस जातिवादी फैसले के खिलाफ एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके की ओर से भी कड़ा विरोध किया गया। डीएमके सांसद Dr.Thamizhachi Thangapandian ने ट्विटर पर लिखा ‘सरकारी कंपनी होने के बावजूद पावर ग्रिड ने IIT मद्रास को 10.5 करोड़ रुपये सिर्फ EWS स्कॉलरशिप के नाम पर दे दिए जो बहुत भेदभावपूर्ण फैसला है। SC-ST, OBC छात्रों के लिए स्कॉलरशिप फंड का क्या ? IIT मद्रास को मिला ये साल का सबसे बड़ा CSR फंड है लेकिन दुख इस बात का है कि दलितों-पिछड़ों और आदिवासी छात्रों के लिए एक रुपया भी आवंटित नहीं किया गया। ऊर्जा मंत्रालय को अपने अधीन आने वाले पावर ग्रिड के इस जातिवादी कदम पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
Power Grid Corporation of India while being a Public Sector Enterprise has made an extremely biased allocation of funds at IIT-Madras. Rs. 10.5 crore solely allocated to EWS Scholarship? What about the scholarship funds for SC/ST/OBC students?
— தமிழச்சி (@ThamizhachiTh) May 8, 2022
विरोध के बाद बैकफुट पर आई पावर ग्रिड
इस जबरदस्त विरोध के बाद पावर ग्रिड के सवर्ण चेयमैन के. श्रीकांत बैकफुट पर आ गए। उन्हें अपने जातिवादी फैसले को झुकना पड़ा और अब इस स्कॉलरशिप का फायदा OBC छात्र भी उठा पाएंगे। IIT मद्रास ने एक ट्वीट में लिखा ‘पावर ग्रिड की ओर से जारी ये स्कॉलरशिप उन कई योजनाओं में से एक है जिसका फायदा आर्थिक तौर पर कमजोर छात्रों को मिलता है। इसमें ट्यूशन फीस के अलावा जनरल और OBC छात्रों को सहारा दिया जाएगा। SC-ST छात्रों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 100 % ट्यूशन फीस माफ की जाती है’
This scholarship from @pgcilindia is one of many such schemes for economically needy students of @iitmadras. It covers tuition fees and will support deserving students of General and OBC categories. All students from SC/ST categories are given 100% tuition fee waiver by GoI. https://t.co/z2lMZROBoI
— IIT Madras (@iitmadras) May 9, 2022
के. श्रीकांत पर होगी कार्रवाई ?
भारतीय संविधान के मुताबिक किसी भी व्यक्ति से उसकी जाति, धर्म, भाषा, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता। ऐसे में EWS के नाम पर जिस तरह से पावर ग्रिड ने IIT मद्रास के साथ मिलकर सरकारी खजाने की बंदरबाट की वो जातिवादी रवैये के अलावा और क्या है? पावर ग्रिड के सवर्ण चेयमैन के. श्रीकांत पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सिर्फ अपनी जाति के छात्रों को फायदा पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये बहा देने का गंभीर आरोप लगा है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी? क्या मोदी सरकार ऐसे व्यक्ति पर कोई एक्शन लेगी जो जाति के आधार पर भेदभाव का आरोपी हो ?