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दलित महिला थप्पड़ कांड ने पकड़ा तूल, NCSC ने भी जारी किया नोटिस

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पंजाब के मानसा जिले के मट्टी गांव में हाल ही में दलित महिला गुरप्रीत कौर को गांव के सरपंच के घर धान की रोपाई की दरों पर हुई बैठक के दौरान पीटने का मामला सामने आया था। जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। अखिल भारतीय कृषि श्रम संघ, मजदूर मुक्ति मोर्चा, और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने शनिवार को भीखी पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने गांव की सरपंच सुखविंदर कौर के खिलाफ भी एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की।

मजदूर मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भगवंत समो ने कहा कि, “इस घटना के लिए सरपंच भी समान रूप से जिम्मेदार है क्योंकि उसने अपने घर में दोनों पक्षों की एक बैठक आयोजित की थी और उनकी उपस्थिति में एक दलित खेत मजदूर के साथ मारपीट की गई थी। इसलिए हमने यह मांग करने के लिए धरना आयोजित किया था कि उसे भी गिरफ्तार किया जाए”

प्रदर्शनकारियों को डीएसपी से मिला आश्वासन

इस पूरी घटना के बाद प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि उनकी मांगों पर अमल किया जाए। इसी संबंध में प्रदर्शनकारियों ने डीएसपी जसजोत सिंह से मुलाकात की। डीएसपी ने मामले की जांच के बाद सरपंच के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

एनसीएससी ने लिया मामले का संज्ञान

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने एनसीएससी के उपायुक्त मनसा, एसएसपी मानसा, मुख्य सचिव पंजाब और पंजाब पुलिस के महानिदेशक को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर मामले पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने को कहा है। सांपला ने अधिकारियों को आगाह किया कि यदि निर्धारित समय के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत दी गई दीवानी अदालतों की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है।

क्यों हुआ था ये पूरा विवाद

बता दें कि पिछले साल इस गांव में मजदूरों को धान की रोपाई की मजदूरी 3,500 रुपये प्रति एकड़ की दर से दी जाती थी। इस साल जमींदार कुछ प्रवासी मजदूर यूपी और बिहार से ले आए। और उनसे 2500- 2600 रुपये प्रति एकड़ पर काम करवा रहे थे। जबकि गांव के दलित मजदूरों को प्रति एकड़ 2900 रुपये से अधिक नहीं दे रहे थे। जिसके बाद ये पूरा विवाद हुआ।

       
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