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बिहार विस. चुनाव LIVE: रुझानों मे महागठबंधन के पिछ़डने के मुख्य कारण आए सामने

बिहार.बिहार विधानसभा 2020 चुनाव के 1 करोड़ मत, यानी 25 प्रतिशत वोटों की गिनती, का रुझान NDA की बढ़त की ओर सीधा इशारा कर रहा है. आँकड़ों के अनुसार NDA और महागठबंधन के बीच काँटे की टक्कर भी नज़र आ रही है. लेकिन जैसे जैसे रुझान सामने आ रहे हैं वैसे वैसे EVM अपना खेल दिखा रही है। कभी महागठबंधन को बढ़त मिलती हुई नजर आती है तो कभी एनडीए को बहुमत देती हुई दिखाई पड़ रही है।

इसी बीच जानने की बात यह है कि शुरुआती दौर में तेजी के साथ बिहार में सरकार बनाने की ओर बढ़ता महागठबंधन अब कमज़ोर दिखाई पड़ रहा है, जिसका फ़ायदा हाल ही के रुझाने में साफ़ नज़र आ रहा है. आपको बताते है कुछ संभावित कारण जिनके चलते महागठबंधन को नुकसान हो रहा है। आपको बताते चलें कि बिहार में कुल वोटर 4.10 करोड़ हैं जबकि वोट डालने के लिए 1.06 लाख पोलिंग बूथ बनाएं थे।

1. आपसी तालमेल की कमी
महागठबंधन के बीच आपसी समझ की कमी NDA की बढ़त का मुख्याकरण है. जहाँ कांग्रेस व RJD, मुख्य पार्टियों के रूप में वामपंथी दलों की पकड़ को नज़रंदाज़ करने की गलती की है.

2. सीटों की गुणवत्ता के आधार पर बंटवारा नहीं

समझने की बात है कि कांग्रेस महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद, चुनाव लड़ने के लिए सीटों का चुनाव करने में असमर्थ रही है. सीटों की गुणवत्ता की बजाय संख्या को चुनना महागठबंधन के लिए भारी साबित हो सकता है.

3. जातिगत और राष्ट्रवाद आधारित राजनीति पर ध्यान नहीं

इसमें कोई शक नहीं कि महागठबंधन ने बिहार की युवापीढ़ी को बेरोज़गारी और पलायन जैसे मुद्दों की और काफी हद तक आकर्षित किया है. परंतु बड़े पैमाने पर जातिगत और राष्ट्रवाद आधारित राजनीति को पूरी तरह हराने में महागठबंधन असफल रही है, जिसका सीधा फायदा NDA को होता दिख रहा है.

 

       
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