इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 (एनएसए) के कड़े प्रावधानों के तहत हिरासत में रहे डॉ. कफील खान को एक बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को सरकार को उन्हें तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश डॉ. खान की मां द्वारा दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की गई थी।
Allahabad High Court grants conditional bail to Dr Kafeel Khan (in file pic).
He was booked under National Security Act (NSA) & arrested from Mumbai in January this year, for his alleged provocative speech at Aligarh Muslim University in December 2019, amid anti-CAA protests. pic.twitter.com/udv7ni1u0g
— ANI UP (@ANINewsUP) September 1, 2020
क्या है हाई कोर्ट का आदेश
फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अलीगढ़ डीएम की ओर से 13 फरवरी, 2020 को पारित आदेश (एनएसए की कार्रवाई) गैरकानूनी है। कफील खान को हिरासत में लेने की अवधि को लगातार बढ़ाया जाना भी गैर-कानूनी है। डॉ कफील को तुरंत रिहा किया जाए।
6 महीने से जेल में
डॉ. कफील खान की हिरासत को हाल में 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। पिछले करीब 6 महीने से एनएसए के तहत कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत 13 फरवरी 2020 को कफील खान को अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर निरुद्ध किया गया है।
चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने जताई खुशी
डॉ कफील की रिहाई पर आज़ाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है।
डॉ कफील खान को जमानत मिल गई है।
अन्याय और तानाशाही के दौर में एक सुखद खबर. डॉ कफील खान के संघर्ष की जीत हुई।
जय भीम— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) September 1, 2020