जालोर : जिस वक्त पूरा देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, उसी वक्त राजस्थान के जालोर से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। एक तरफ पूरा देश आज़ादी के 75वें साल का जश्न मना रहा है और दूसरी तरफ एक 9 साल के दलित छात्र को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि उसने स्कूल में सवर्ण टीचर के मटके से पानी पी लिया था। भारतीय गणराज्य के 75 साल बाद भी ऐसी घिनौनी हरकत ने आज़ादी के जश्न पर कलंक लगा दिया है।
मटका छूने पर टीचर ने बेरहमी से पीटा
पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक तीसरी क्लास के इंद्र ने 20 जुलाई को स्कूल में प्यास लगने पर सवर्ण टीचर छैल सिंह के लिए रखे मटके से पानी पी लिया था। शिकायत के मुताबिक इससे नाराज़ होकर छैल सिंह ने इंद्र को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसका शरीर नीला पड़ गया। उसकी आंख सूज गई। वायरल वीडियो में बच्चे के शरीर पर चोट के निशान साफ-साफ देखे जा सकते हैं।
राजस्थान : जालोर ज़िले के सुराणा गाँव में तीसरी क्लास के छात्र इंद्र ने मटके से पानी पी लिया था। आरोप है कि टीचर ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि उसकी मौत हो गई। आरोपी टीचर गिरफ्तार।
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25 दिन ज़िंदगी की लड़ाई लड़ता रहा मासूम
ये वारदात 20 जुलाई को हुई थी। मासूम इंद्र पिछले 25 दिन से अस्पताल में ज़िंदगी की जंग लड़ रहा था लेकिन आखिरकार वो हिम्मत हार गया। 13 जुलाई (शनिवार) को अस्पताल में इंद्र ने दम तोड़ दिया। महज 9 साल की उम्र में एक मासूम जाति प्रधान देश के घटिया जातिवाद का शिकार बन गया।
आरोपी टीचर को गिरफ्तार किया गया
बच्चे के परिवार की शिकायत पर आरोपी सवर्ण टीचर छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी टीचर के खिलाफ IPC और SC-ST एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज़ किया गया है।
राजस्थान : जालोर ज़िले के सुराणा गाँव में तीसरी क्लास के छात्र इंद्र ने मटके से पानी पी लिया था। आरोप है कि टीचर ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि उसकी मौत हो गई। आरोपी टीचर गिरफ्तार।
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सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
इस रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात के सामने आने के बाद से ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। सोशल मीडिया पर लोग इस हैवानियत की निंदा करते हुए सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर भारत जातिवाद की बीमारी से कब आज़ाद होगा? लोग राजस्थान में दलितों पर बढ़ते अत्याचार के मामलों पर भी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों कांग्रेस के शासन में राजस्थान दलितों की कब्रगाह बनता जा रहा है ?