औरंगाबाद : अक्सर ये कह दिया जाता है कि अब कहां है जातिवाद? अब तो सब बराबर हैं, अब किसी के साथ जातीय भेदभाव नहीं होता। लेकिन ऐसे लोग अक्सर जातिवाद की क्रूर सच्चाई को छुपाने का काम करते हैं। क्योंकि जातिवाद भारतीय लोगों की रंगो में दौड़ता है और आए दिन उसके ताज़ा उदाहरण देखने को मिलते हैं। कुछ ऐसा ही मामला आया है महाराष्ट्र के औरंगाबाद से।
दलित वकील को बिल्डर ने घर बेचने से मना किया
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दलित वकील महेंद्र गंडले अपने परिवार के साथ अंडर कंस्ट्रक्शन अपार्टमेंट सोसाइटी में फ्लैट खरीदने पहुंचा था। आरोप है कि वहां मौजूद सेल्स एग्जिक्यूटिव्स ने पहले तो उसे फ्लैट दिखाए, रेट बताया, डील की बात की लेकिन फिर अचानक उसकी जाति पूछ ली। महेंद्र के मुताबिक जैसे ही वहां मौजूद लोगों को उसके दलित होने का पता चला, उनका रवैया बदल गया। उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि आप यहां घर नहीं खरीद सकते क्योंकि आपकी जाति के लोगों को घर बेचने से बिल्डर ने मना किया है।
मैंने और मेरे परिवार ने अपमानित महसूस किया – महेंद्र
महेंद्र गंडले के साथ हमारे संपादक सुमित चौहान ने खास बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे घर खरीदना उनका सपना रहा है और वो कीमत देने को भी तैयार हैं लेकिन बिल्डर और उसके साथियों के जातिवादी रवैये के कारण उन्हें ना सिर्फ अपमानित महसूस करना पड़ा बल्कि मानसिक पीड़ा से भी गुज़रना पड़ रहा है। महेंद्र का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर वीडियो देखें।