यूपी के लखीमपुर खीरी हत्याकांड में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक़ दोनों दलित नाबालिग बहनों के साथ पहले रेप किया गया था और फिर बाद में गला दबाकर उनकी हत्या कर दी गई थी। डॉक्टरी परीक्षण में इस बात की पुष्टि हुई है कि उन्हें मारकर पेड़ से लटका दिया गया था।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल 14 सितंबर यानी बुधवार को दो दलित बहनों का शव पेड़ से लटका मिला था। दोनों सगी बहनें हैं और नाबालिग है जिनकी उम्र 15 और 17 साल बताई जा रही है। इस हत्याकांड के 24 घंटे के भीतर ही यूपी पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान जुनैद, सोहेल, हफीजुर्रहमान, करीमुद्दीन, आरिफ़ और छोटू गौतम के रूप में हुई है। पुलिस की थ्योरी के मुताबिक़ दोनों बहनों की जुनैद और सोहेल के साथ दोस्ती थी। जुनैद और सोहेल ने ही लड़कियों के साथ बलात्कार करके गला घोटकर मार डाला। जुनैद को पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया जहां उसके पैर में गोली लगी है।
उत्तर प्रदेश: लखीमपुर के निघासन में गन्ने के खेत में लगे एक पेड़ पर दो दलित नाबालिग लड़कियों की लाश लटकती मिली है। हाथरस के बाद लखीमपुर की यह घटना काफी सवाल खड़े करती है।
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मां ने लगाया अपहरण का आरोप
हालाँकि बच्चियों की माँ ने अपहरण का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार बच्चियों के लिए इंसाफ़ की माँग कर रहा था और अंतिम संस्कार करने से मना कर रहा था। इसी दौरान लखीमपुर खीरी के एसपी संजीव सुमन पीड़ित परिवार को सरेआम धमकाते हुए भी नज़र आए जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई
पुलिस और पीड़ित परिवार के बीच इस तरह की नोंक-झोंक के बाद बच्चियों का अंतिम संस्कार करा दिया गया है। यूपी सरकार ने मामले को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए मंज़ूर किया है और महीने भर में सुनवाई पूरी करने का दावा किया है। यूपी सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को 16 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का भी एलान किया है। लेकिन इस वारदात ने यूपी में क़ानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं।
योगी सरकार पर भड़कीं मायावती
इस बारे में बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्विटर पर लिखा ‘लखीमपुर खीरी में माँ के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण व दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है, क्योंकि ऐसी दुःखद व शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम। यूपी में अपराधी बेखौफ हैं क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत। यह घटना यूपी में कानून–व्यवस्था व महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की जबर्दस्त पोल खोलती है। हाथरस सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं। यूपी सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे’
लखीमपुर खीरी हत्याकांड पर @bspindia अध्यक्ष @Mayawati की प्रतिक्रिया
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यूपी में जिस तरह से दलित समाज के ख़िलाफ़ अपराध बढ़ते जा रहे हैं, उसने यूपी में क़ानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।