हरियाणा के जींद ज़िले के खापड़ गाँव में दलितों के इन घरों पर ताले लगे हैं, गाँव में रहने वाले क़रीब 15 दलित परिवार अपना सामान और जानवरों को लेकर गाँव छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। गाँव के ही रहने वाले जाटों ने दलितों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। जातिवादियों के बहिष्कार और धमकियों के कारण दलितों को गाँव छोड़ना पड़ा।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल 27 अगस्त को खापड़ गाँव में एक 12 साल के दलित बच्चे के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। आरोप है कि जाट जाति के कुछ लोगों ने मंजीत नाम के दलित बच्चे पर बाइक से तेल चोरी करने का आरोप लगाकर बेरहमी से पीटा। इस वारदात का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें बच्चा दर्द से कराहते हुए छोड़ देने की गुहार लगाता है लेकिन ना ही उसे पीटने वाले के हाथ रुके और ना ही आसपास खड़े लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की। आरोप है कि बच्चे को काफ़ी वक़्त तक बेरहमी से पीटा गया और उसे जबरन चोरी कबूलने का दबाव डाला गया।
वारदात के बाद पीड़ित परिवार ने गाँव के रहने वाले सोशल एक्टिविस्ट दिनेश ने जब मदद माँगी तो आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज करवाने की तैयारी की गई लेकिन आरोप है कि अगले ही दिन जातिवादियों ने पीड़ित परिवार और मदद करने वाले दिनेश को धमकी दी।
हरियाणा पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
इस प्रकरण में हरियाणा पुलिस पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। गांव के रहने वाले सोशल एक्टिविस्ट दिनेश ने हमें फोन पर बताया कि पुलिस ने जबरन बच्चे की माँ से कोरे काग़ज़ पर साइन करवा लिये और समझौते का दबाव डाला। वारदात 27 अगस्त को हुई और बच्चे का मेडिकल 29 अगस्त को कराया गया। यही नहीं पीड़ित बच्चे को किसी तरह की काउंसलिंग भी मुहैया नहीं कराई गई।
मंदिर के लाउडस्पीकर से हुआ बहिष्कार का एलान
दिनेश ने हमें बताया ‘आरोपियों की ओर से लगातार समझौते का दबाव डाला जा रहा था। जब हमने समझौता नहीं किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो आरोपियों की जाति वालों ने गांव के मंदिर के लाउडस्पीकर से एलान करवाया कि अब चमारों का सामाजिक बहिष्कार किया जाता है। लाउडस्पीकर से ये बोला गया कि दलितों के साथ कोई लेन-देन नहीं होगा, कोई दलितों को खेत में नहीं घुसने देगा, दूध वाला दूध नहीं देगा, डॉक्टर दवाई नहीं देगा और किराने की दुकान वाला दलितों को कोई सामान नहीं बेचेगा।’
दुष्यंत चौटाला की पार्टी के कार्यकर्ता पर आरोप
खापड़ गाँव जींद की उचाना विधानसभा सीट के तहत आता है और यहीं से हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। इस वारदात में शामिल ज़्यादातर आरोपी दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं ऐसे में पुलिस पर राजनीतिक दबाव की बात भी कही जा रही है।
10 लोगों पर आरोप, सिर्फ 2 की गिरफ्तारी
फ़िलहाल मामले में कुल 10 आरोपी नामज़द हैं लेकिन अभी तक सिर्फ़ दो आरोपियों की ही गिरफ़्तारी हो पाई है। गाँव के ज़्यादातर दलित परिवार पलायन कर चुके हैं और गाँव में दहशत का माहौल है। पीड़ित पक्ष के मुताबिक़ पुलिस के किसी बड़े अधिकारी ने गाँव का दौरा तक नहीं किया है।
मिर्चपुर कांड जैसी आशंका के चलते पलायन
खापड़ गाँव से ही कुछ किलोमीटर दूर मिर्चपुर गाँव में साल 2010 में जाटों और दलितों के बीच टकराव के बाद हिंसा भड़क उठी थी जिसमें दो लोगों को ज़िंदा जला दिया गया था। ऐसे में खापड़ गाँव के दलित किसी अनहोनी की आशंका के चलते अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। लेकिन सवाल वही है कि आख़िर कब तक दलित इस तरह की जातिवादी मानसिकता का शिकार होते रहेंगे ? वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
ब्यूरो रिपोर्ट, द न्यूज़बीक