बाबा साहब डॉ आंबेडकर ने 20 जुलाई 1924 को बहिष्कृत हितकारिणी सभा बनाई थी। अछूतों के हित के लिए आवाज़ उठाने, उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने और वंचित तबके के बीच शिक्षा का प्रसार करने करने वाली एक केंद्रीय संस्था के रूप में इसकी स्थापना की गई थी।
सामाजिक और राजनीतिक तौर पर वंचितों की बराबरी के लिए काम करना भी इस सभा का प्रमुख उद्देश्य था। बहिष्कृत हितकारिणी सभा के माध्यम से अछूतों के कल्याण के लिए पाठशाला और ग्रंथालय शुरू किए गए।
इस संस्था के ज़रिए महाराष्ट्र के सोलापुर में 4 जनवरी 1925 को एक हॉस्टल शुरू किया गया था। यहाँ गरीब छात्रों के रहने, भोजन, कपड़े और शिक्षा के साधन मुहैया कराए गए।