आज महान समाज सुधारक नारायणा गुरु की जयंती है। नारायणा गुरु का जन्म केरल में 26 अगस्त 1856 को हुआ, जिन्होंने अपने अटल निश्चय से समाज की सूरत ही बदल दी और मनुवादी व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दीं।
महान समाज सुधारक नारायणा गुरु की जयंती पर हम उन्हें नमन करते हैं। नारायणा गुरु ने केरल में मनुवादी व्यवस्था को हिला कर रख दिया था, आज भी केरल में ब्राह्मणवादी उनके नाम से कांपते हैं। जय नारायणा गुरु #NarayanaGuruJayanti
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— The News Beak (@TheNewsBeak) August 26, 2022
समाज की हालत को देखकर उन्हें बहुत दुख हुआ। केरल में नैयर नदी के किनारे एक जगह है अरुविप्पुरम। तब यहां घना जंगल था। नारायणा गुरु यहीं एकांतवास में आकर रहने लगे। उसी दौरान गुरु जी को एक मंदिर बनाने का विचार आया। नारायणा गुरु एक ऐसा मंदिर बनाना चाहते थे जिसमें किसी किस्म का कोई भेदभाव न हो। जाति, धर्म, मर्द, औरत जैसा कोई बंधन ना हो।
ब्राह्मणवाद की चूल हिला दीं
अरुविप्पुरम में उन्होंने एक मंदिर बनाकर एक इतिहास रच दिया। अरुविप्पुरम का मंदिर इस देश का शायद पहला मंदिर है जहां बिना किसी जातिभेद के कोई भी पूजा कर सकता था। नारायणा गुरु का कहना था कि सभी मनुष्यों के लिए एक ही जाति, एक ही धर्म और एक ही ईश्वर होना चाहिए। नारायणा गुरु ने केरल में ब्राह्मणवाद की चूलें हिला दी थीं।